भीषण टक्कर से मचा कोहराम
हरियाणा के नूंह जिले में शनिवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया। थाना फिरोजपुर झिरका क्षेत्र के अंतर्गत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सफाई कार्य कर रहे कर्मचारियों को एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने कुचल दिया। इस दिल दहला देने वाले हादसे में छह महिलाओं समेत सात सफाई कर्मचारियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि चार अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हैं।
सफाई कार्य कर रहे थे 11 कर्मचारी, अधिकांश महिलाएं
जानकारी के अनुसार, सुबह लगभग 10 बजे इब्राहिमबास गांव के पास एक्सप्रेसवे पर कुल 11 सफाई कर्मचारी काम कर रहे थे। इनमें से 10 महिलाएं और एक पुरुष था। तभी अचानक एक बेकाबू पिकअप वाहन ने सफाई कर रहे कर्मचारियों को जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि छह सफाई कर्मचारियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान एक और सफाई कर्मचारी ने जान गंवा दी।
मौके पर अफरा-तफरी, स्थानीय लोगों ने पहुंचाई मदद
हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। देखते ही देखते वहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। सड़क पर खून और बिखरे हुए शवों को देखकर हर कोई स्तब्ध था।
चालक फरार, पुलिस ने शुरू की जांच
हादसे के बाद पिकअप चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस का कहना है कि चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे पकड़ने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।
मृतकों की पहचान और परिजनों को सूचना
फिलहाल मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सूचित करने का कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज के लिए सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा हो सकती है।
सोशल मीडिया पर शोक की लहर
जैसे ही हादसे की खबर फैली, सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई। लोग इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। कई लोगों ने सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है। इसके अलावा सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों पर सख्त नियंत्रण लगाने की भी आवाजें उठने लगी हैं।
सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर से देश की सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर पहले भी घने कोहरे, लापरवाही और तेज रफ्तार के कारण कई बड़े हादसे हो चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके सफाई कर्मियों और अन्य श्रमिकों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। एक्सप्रेसवे पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए उचित सुरक्षा उपकरण, चेतावनी संकेतक और बैरिकेडिंग का अभाव साफ नजर आता है।
प्रशासन की ओर से कदम
हादसे के बाद प्रशासन ने एक्सप्रेसवे पर यातायात नियंत्रित कर दिया और घटनास्थल को खाली कराया। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सफाई कार्य के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करने की बात कही है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके अलावा, फरार चालक की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही चालक को गिरफ्तार कर सख्त कार्रव और सुरक्षा ही उपाय
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि तेज रफ्तार, लापरवाही और सुरक्षा उपायों की अनदेखी किस तरह जानलेवा साबित हो सकती है। जरूरी है कि प्रशासन, सड़क निर्माण एजेंसियां और वाहन चालक सभी मिलकर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें। साथ ही, सफाईकर्मियों और श्रमिकों के लिए एक्सप्रेसवे पर काम करते समय पर्याप्त सुरक्षा उपकरण, चेतावनी बोर्ड और वाहन गति नियंत्रण उपायों को अनिवार्य किया जाए। ताकि भविष्य में इस तरह के हृदयविदारक हादसों से बचा जा सके।
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