उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और खराब पावर फैक्टर के कारण लम्बे समय से विद्युत आपूर्ति में समस्याएं बनी हुई थीं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने कैपेसिटर बैंक स्थापित करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर, यह परियोजना ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है।
कैपेसिटर बैंक स्थापित करने का उद्देश्य वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार लाना और पावर फैक्टर को बेहतर बनाना है। खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में लम्बे ट्रांसमिशन लाइनों के कारण उत्पन्न कम वोल्टेज की समस्या का समाधान इस तकनीक से संभव हो सकेगा।
यूपीसीएल के अनुसार, मार्च 2025 तक 101 ट्रांसफॉर्मरों पर कैपेसिटर बैंक लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना न केवल बिजली आपूर्ति की समस्याओं को कम करेगी, बल्कि तकनीकी हानियों को भी कम करने में सहायक होगी। इससे राज्य में सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं की कार्यक्षमता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को अधिक गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवा उपलब्ध होगी।
कैपेसिटर बैंक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह बिजली कटौती की घटनाओं को कम करेगा और वितरण प्रणाली को अधिक सुदृढ़ बनाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी।
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