डोईवाला: वरिष्ठ पत्रकार और पशु प्रेमी हरीश कोठारी ने अपने सेवाभाव और जीवों के प्रति संवेदनशीलता से अनेक पशुओं की जान बचाई है। कुछ माह पूर्व पतंग के मांझे में फंसकर पेड़ से लटके कौए की जान बचाने के बाद, अब उन्होंने एक दुर्घटनाग्रस्त घोड़े की चिकित्सा कर उसे नया जीवन दिया है।
दुर्घटनाग्रस्त घोड़े की देखभाल
करीब एक सप्ताह पूर्व, डोईवाला के मुख्य मार्ग पर एक वाहन की टक्कर से एक घोड़ा गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके पिछले बाएं पैर में अंदरूनी चोटें आई थीं, और वह सड़क पर ही पड़ा था। हरीश कोठारी ने इस घायल घोड़े को अपने घर के सामने खाली स्थान पर आश्रय दिया। उन्होंने उसकी देखभाल, चारे-पानी, ठंड से बचाने के लिए कंबल आदि की व्यवस्था की और पशु चिकित्सकों से उसका उपचार कराया। उचित देखभाल और चिकित्सा के परिणामस्वरूप, घोड़ा अब अपने पैरों पर खड़ा हो गया है।
पशु चिकित्सा सेवाओं का उपयोग
हरीश कोठारी का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशील रहे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने पशुओं की चिकित्सा एवं सेवा पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। राज्य में पशु चिकित्सा सचल वाहन की सुविधा उपलब्ध है, जिसके लिए 1962 नंबर डायल करना होता है। यह सुविधा अत्यंत सराहनीय कार्य कर रही है, और उन्होंने स्वयं इसका उपयोग किया। डोईवाला पशु चिकित्सालय की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पूजा पांडे और पशु चिकित्सा सचल वाहन के डॉक्टर व स्टाफ ने घोड़े का उपचार किया।
पशु सेवा में निरंतर प्रयास
ज्ञात हो कि हरीश कोठारी इससे पूर्व भी लावारिस कुत्तों और अन्य जानवरों की सेवा करते रहे हैं। वे अपने स्तर पर दवाइयां एवं आहार खरीदकर पशुओं के प्रति मानवता का कर्तव्य निभाते हैं। कई बीमार और घायल कुत्तों की चिकित्सा वे पशु चिकित्सकों से करा चुके हैं। कुछ माह पूर्व, पतंग के मांझे में फंसकर पेड़ पर लटके कौए की जान बचाने के लिए उन्होंने नगर पालिका डोईवाला के कर्मचारियों की सहायता से उसे मुक्त कराया था।
समाज में जागरूकता का प्रसार
हरीश कोठारी के इस सेवाभाव ने समाज में पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों से प्रेरित होकर, अन्य लोग भी पशुओं की सेवा और देखभाल के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
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