अलीगढ़, उत्तर प्रदेश।
एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों की सभी सीमाओं को लांघ गई। सास और दामाद का प्रेम, बेटी की शादी से पहले परवान चढ़ा और फिर ऐसा मोड़ आया कि पूरा परिवार टूट गया। न मां रही, न पत्नी – सपना अब सिर्फ ‘राहुल’ की है।
बेटी के मंगेतर से प्यार, फिर घर से फरार
अलीगढ़ जिले के मडराक थाना क्षेत्र के गांव मनोहरपुर कायस्थ की रहने वाली सपना की शादी को कई साल हो चुके थे। वह अपने पति जितेंद्र, बेटी और दो बेटों के साथ रह रही थी। बेटी की शादी पास थी, और होने वाले दामाद राहुल से रिश्ते तय हो चुके थे।
लेकिन कहानी में दिलचस्प मोड़ तब आया जब 6 अप्रैल को सपना अपने ही होने वाले दामाद राहुल के साथ घर से फरार हो गई। यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। बेटी की शादी टूट गई और परिवार में कोहराम मच गया।
“अब हम दोनों साथ रहेंगे”
करीब 10 दिन बाद जब दोनों थाने पहुंचे, तो यह स्पष्ट हो गया कि दोनों अपनी मर्जी से गए थे। काउंसिलिंग, समझाने-बुझाने के बाद भी सपना अपने फैसले पर अड़ी रही। उसका साफ कहना था – “अब हम दोनों साथ रहेंगे।” पति, बच्चे, रिश्तेदार… किसी की बात उसने नहीं मानी।
पति ने लगाया जेवर चोरी का आरोप
सपना के पति जितेंद्र ने आरोप लगाया कि वह घर से जेवरात और नकदी लेकर गई है। इसके लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। दूसरी ओर, सपना ने भी पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। मामला पारिवारिक विवाद मानते हुए दोनों को परिवार परामर्श केंद्र भेजा गया।
बेटी ने कहा – “मेरे लिए मां मर चुकी है”
बेटी का गुस्सा भी फूट पड़ा। उसने साफ कहा –
“मेरे लिए मां अब मर चुकी है। हम कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते। बस हमारा जेवर और पैसा वापस करा दो।”
इस बयान से यह साफ हो गया कि बेटी ने अब मां को अपने जीवन से पूरी तरह अलग कर दिया है।
“बेटी ने राहुल को पागल कहा, इसलिए मैं बात करने लगी”
सपना ने बातचीत में बताया कि राहुल पहले उसकी बेटी से बात करना चाहता था, लेकिन बेटी उसे गंभीरता से नहीं लेती थी और ‘पागल’ कहकर टाल देती थी।
सपना ने कहा – “मैंने रिश्ता संभालने के लिए बात शुरू की। पता नहीं चला कब नजदीकियां बढ़ गईं। राहुल ने मुझे सहारा दिया, और मैंने उसके साथ जाने का फैसला कर लिया।”
परिवार परामर्श केंद्र में हुई घंटों काउंसिलिंग
जब दोनों वापस लौटे, तो उन्हें परिवार परामर्श केंद्र भेजा गया, जहां दिनभर काउंसलिंग चली। पति और बच्चे समझाते रहे कि घर लौट आओ, मगर सपना का जवाब था – “मैंने बहुत कुछ सहा है। अब जो समझ आया, वही करूंगी। राहुल के साथ ही रहूंगी।”
“मां ने हमारे बारे में नहीं सोचा” – बेटों का दर्द
बेटों ने भी अपनी मां को समझाने की कोशिश की। उन्हें उम्मीद थी कि मां अपने बच्चों के बारे में सोचेगी, लेकिन सपना ने कह दिया – “मैंने जो सहा, उसके बाद अब बच्चों से जुड़ाव नहीं रहा।”
यह बयान सुनकर बेटे भी टूट गए और कहा कि अब वे भी मां से कोई रिश्ता नहीं रखेंगे।
कानूनी प्रक्रिया पूरी कर, राहुल के साथ भेजा गया
पुलिस और प्रशासन ने सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद, यह देखते हुए कि दोनों बालिग हैं और आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं, शुक्रवार को सपना को राहुल और उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया।
एसपी देहात अमृत जैन ने कहा – “यह दोनों की निजी पसंद है। कानूनी रूप से हम कुछ नहीं कर सकते।”
समाज और रिश्तों को झकझोर देने वाली कहानी
यह प्रेम कहानी जितनी अनोखी है, उतनी ही समाज के सामने कई सवाल भी खड़े करती है। मां का बेटी के मंगेतर के साथ भाग जाना सिर्फ एक पारिवारिक संकट नहीं, बल्कि रिश्तों की परिभाषा को चुनौती है।
रिश्तों की मर्यादा और भावनाओं की सीमा को लांघकर जो फैसला सपना ने लिया, वह उसके लिए भले ही नई शुरुआत हो, लेकिन उसके परिवार के लिए एक गहरा घाव बन गया है।
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