अगस्त्यमुनि के युवक ऋषभ भट्ट की मेहनत रंग लाई
रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र के ग्राम गंगतल सिल्ली निवासी ऋषभ भट्ट ने GATE (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर 103वीं रैंक हासिल की है। इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है।
मेहनत और लगन का मिला फल
ऋषभ की इस कामयाबी के पीछे उनकी निरंतर मेहनत, समर्पण और परिवार का सहयोग है। उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान कई बार चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। नियमित अध्ययन, टाइम टेबल का पालन और खुद पर विश्वास ही उनकी सफलता की कुंजी रही।
शिक्षा यात्रा: पहाड़ से लेकर एनआईटी तक
ऋषभ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर इंटर तक की पढ़ाई चिल्ड्रन एकेडमी इंटरमीडिएट कॉलेज, अगस्त्यमुनि से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर एनआईटी जयपुर से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने तकनीकी ज्ञान और स्किल्स को बेहतर बनाने पर खास ध्यान दिया।
पिता हैं शिक्षक, घर में शिक्षा का माहौल
ऋषभ के पिता वेणी प्रसाद भट्ट खुद एक शिक्षक हैं, जिससे घर में शिक्षा का माहौल शुरू से रहा। उन्होंने अपने बेटे को हमेशा प्रेरित किया और कठिन समय में मार्गदर्शन दिया। मां ने भी ऋषभ की पढ़ाई के लिए हर तरह का सहयोग दिया।
स्कूल में हुआ सम्मान, बने प्रेरणा स्रोत
ऋषभ की इस उपलब्धि पर चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल परिसर में उनका भव्य स्वागत और सम्मान किया गया। स्कूल की प्रबंधक ऐश्वर्या रावत, प्रधानाचार्य हरिपाल सिंह कंडारी और शिक्षकों ने ऋषभ को स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही छात्रों को भी प्रेरणा दी गई कि वे भी अपने लक्ष्य को लेकर ईमानदारी से प्रयास करें।
युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने ऋषभ
ऋषभ भट्ट अब क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। उन्होंने बताया कि वह आगे चलकर रिसर्च और देश सेवा में अपना योगदान देना चाहते हैं।
बधाइयों का लगा तांता
ऋषभ की सफलता की खबर मिलते ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया से लेकर गांव के लोगों तक सभी ने ऋषभ को बधाई दी। पूर्व छात्र, ग्रामीण और अध्यापक भी गर्वित महसूस कर रहे हैं।
निष्कर्ष: पहाड़ों से उठता प्रतिभा का सूरज
ऋषभ भट्ट की सफलता यह दर्शाती है कि उत्तराखंड के पहाड़ों में भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर देने की। ऋषभ की तरह अगर और युवा आगे आएं तो राज्य और देश का नाम हर क्षेत्र में रोशन होगा।
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