नई दिल्ली। 6 और 7 मई 2025 की दरमियानी रात भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त मिसाइल हमले कर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। यह कार्रवाई कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध थी, जिसमें 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी।
पहलगाम आतंकी हमला: प्रतिशोध की शुरुआत
22 अप्रैल को हुए हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोष पर्यटकों को गोली मारी थी। कई महिलाएं विधवा हुईं और सिंदूर उजड़ गया। हमले की क्रूरता ने पूरे देश को झकझोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि इस हमले का जवाब अवश्य दिया जाएगा।
सेना को मिली खुली छूट, रणनीति बनी
हमले के बाद 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने सेना प्रमुखों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर सेना को खुली छूट दी। रणनीति बनी कि जवाब केवल आतंक के अड्डों पर होगा, ताकि युद्ध जैसी स्थिति से बचा जा सके लेकिन आतंक का खात्मा हो।

ऑपरेशन सिंदूर: नाम का अर्थ और संदेश
इस कार्रवाई का नाम ऑपरेशन सिंदूर इसलिए रखा गया क्योंकि पहलगाम हमले में कई महिलाओं के माथे से सिंदूर उजड़ गया था। सेना का संदेश था — जिसने सिंदूर छीना, उसे खत्म किया जाएगा। यह ऑपरेशन न केवल सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक स्तर पर भी एक प्रतीकात्मक जवाब था।
हमला कैसे और कहां किया गया?
भारत ने यह हमला भारतीय सीमा से ही मिसाइलों और ड्रोन के ज़रिए किया। हमले में प्रिसिशन स्ट्राइक वेपन्स और लॉयटरिंग म्यूनिशन्स (घातक ड्रोन) का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान वायुसेना, थलसेना और नौसेना तीनों शामिल रहीं।
भारत ने जिन जगहों को निशाना बनाया उनमें शामिल हैं:
- बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर
- मुरीदके: हाफिज सईद का मुख्यालय
- मुजफ्फराबाद: सेंट्रल ग्रिड सिस्टम और आतंकी कम्युनिकेशन बेस
- कोटली, बाघ, गुलपुर, भिंबेर, शकरगढ़ और सियालकोट: सीमा के पास के आतंकी लॉजिस्टिक बेस
सेना ने किया खुलासा, वीडियो से हुआ ऐलान
सेना ने रात 1:28 बजे अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से 64 सेकंड का वीडियो जारी किया, जिसमें लिखा था — “प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः”, यानी हमला करने को तैयार, जीत के लिए प्रशिक्षित। इसके बाद 1:51 बजे दूसरा पोस्ट आया, जिसमें लिखा गया — “इंसाफ पूरा हुआ, जय हिंद!” इसके साथ ऑपरेशन सिंदूर की औपचारिक घोषणा हो गई।
पाकिस्तान की पहली प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के DG अहमद शरीफ चौधरी ने हमले की पुष्टि की और कहा कि बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में स्ट्राइक हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी हमले की बात स्वीकार की और इसे पांच स्थानों पर हुआ बताया। पाक मीडिया में यह भी आया कि मसूद अजहर का मदरसा पूरी तरह तबाह हो गया।
भारत का कूटनीतिक अभियान
ऑपरेशन के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिकी NSA और विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बात की। भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, UAE और रूस में अपने समकक्षों को कार्रवाई की जानकारी दी और साफ किया कि यह केवल आतंकवाद के खिलाफ है, पाकिस्तान की सेना के खिलाफ नहीं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र ने संयम बरतने की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम हमले को “शर्मनाक” बताया और कहा कि भारत की प्रतिक्रिया अनुमानित थी। अमेरिका ने उम्मीद जताई कि हालात जल्द सामान्य होंगे।
सीमा पर बढ़ा तनाव, भारत सतर्क
भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर उल्लंघन तेज कर दिया है। पुंछ, राजौरी और कुपवाड़ा में गोलाबारी हुई। इसके जवाब में भारत ने अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय कर दिए हैं और सेना को अलर्ट मोड में रखा गया है।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
देश भर में सोशल मीडिया पर लोगों ने इस ऑपरेशन का समर्थन किया। कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इसे एक सटीक, रणनीतिक और सीमित जवाब बताया जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को दोहराता है।
आतंक को जवाब, मानवता को संदेश
ऑपरेशन सिंदूर भारत का केवल सैन्य ऑपरेशन नहीं था, बल्कि यह उन विधवाओं के माथे के सिंदूर के सम्मान में एक संदेश था — भारत आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह कार्रवाई न केवल हमले का जवाब थी, बल्कि एक चेतावनी भी — भारत अब चुप नहीं बैठेगा।
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