देहरादून, उत्तराखंड के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में जनवरी 2025 से नई SOP लागू होगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और अस्पतालों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाया जाएगा। इन नियमों के तहत मरीजों की सुरक्षा, स्वच्छता, और कर्मचारियों की जवाबदेही पर विशेष जोर दिया जाएगा।
मरीजों की देखभाल में सुधार
प्रत्येक भर्ती मरीज के बेड की चादर रोजाना बदली जाएगी। संक्रमण से बचाव के लिए चादरों का रंग हर दिन अलग होगा। मरीजों को दिए जाने वाले भोजन का मेन्यू वार्ड में चस्पा किया जाएगा, और भोजन की गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाएगी।
कर्मचारियों की सख्त निगरानी
सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी। SOP का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से पैरामेडिकल और टेक्नीशियन की नियुक्ति की जाएगी।
मरीजों से मिलने का समय तय
आईसीयू और जच्चा-बच्चा वार्ड जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मरीजों से मिलने का समय सीमित रहेगा। एक मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार को वार्ड में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
सफाई और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सफाई की जिम्मेदारी नर्सिंग इंचार्ज और सुपरिंटेंडेंट की होगी। मरीजों को संक्रमण से बचाने और साफ-सफाई बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी की जाएगी।
जनवरी 2025 से लागू होगा SOP
यह नई व्यवस्था 1 जनवरी 2025 से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मरीजों की सुविधा बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है।
नई SOP से उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और अधिक बेहतर होने की उम्मीद है।
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