महाशिवरात्रि का पौराणिक महत्व
महाशिवरात्रि का पर्व शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन किए गए पूजा-पाठ और व्रत से भगवान शिव विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन महादेव का तांडव नृत्य हुआ था, जिससे सृष्टि में संतुलन बना।
महाशिवरात्रि का उत्सव
महाशिवरात्रि के अवसर पर हरिद्वार, काशी, उज्जैन और अन्य तीर्थ स्थलों पर भव्य आयोजन किए जाते हैं। काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर और सोमेश्वर ज्योतिर्लिंगों पर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। शिव भक्त गंगा स्नान करके मंदिरों में जल अर्पित करते हैं और रात्रि भर भजन-कीर्तन करते हैं।
शिवरात्रि व्रत और पूजन विधि
- निर्जला व्रत: कई भक्त दिनभर उपवास रखते हैं और केवल फलाहार ग्रहण करते हैं।
- चार पहर की पूजा: रातभर शिवलिंग का अभिषेक चार पहरों में किया जाता है।
- विशेष भोग: भगवान शिव को भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित किया जाता है।
महाशिवरात्रि के शुभकामना संदेश
- “हर हर महादेव! शिव की भक्ति से जीवन में प्रकाश आए, महाशिवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं।”
- “शिव के चरणों में वास हो, उनकी कृपा से हर संकट का नाश हो। जय भोलेनाथ!”
महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर सभी भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं!
+ There are no comments
Add yours