जनवरी का महीना, जो आमतौर पर ठंडी हवाओं और बर्फबारी के लिए जाना जाता है, इस बार नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक गर्म नजर आ रहा है। इस वर्ष दोपहर के समय गर्मी का अनुभव हो रहा है, जो न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी चर्चा का विषय बन गया है। आइए इस बदलते मौसम पर एक विस्तृत नजर डालते हैं।
तापमान के आंकड़े और पैटर्न
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में जनवरी के महीने में तापमान लगातार सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है।
- 2021: 10 जनवरी को अधिकतम तापमान 25 डिग्री तक पहुंच गया था।
- 2022: 10 जनवरी को पारा 22 डिग्री पर रहा।
- 2025: इस साल जनवरी में भी तापमान 20 डिग्री से ऊपर बना हुआ है।
सामान्य परिस्थितियों में, जनवरी के महीने में नैनीताल का तापमान 18 से 19 डिग्री के बीच रहना चाहिए। लेकिन इस बार के आंकड़े इस सामान्य सीमा को पार कर रहे हैं।
पहाड़ों और मैदानों में प्रभाव
इस साल केवल नैनीताल ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड के अन्य पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र भी इस बदलाव का अनुभव कर रहे हैं।
- पहाड़ी क्षेत्र: दोपहर के समय गर्मी का एहसास हो रहा है, जो इस समय ठंडा रहना चाहिए।
- मैदानी क्षेत्र: मौसम राहतभरा बना हुआ है। ठंड के दिनों में चटक धूप और हल्की गर्मी लोगों को आश्चर्यचकित कर रही है।
बदलते मौसम का कारण
मौसम विशेषज्ञ इस असामान्य बदलाव के पीछे कई कारण बताते हैं।
- जलवायु परिवर्तन: वैश्विक तापमान में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भारत के पहाड़ी क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है।
- पश्चिमी विक्षोभ की कमी: जनवरी में ठंडे तूफानों और बर्फबारी के लिए जिम्मेदार पश्चिमी विक्षोभ इस बार कमजोर रहे हैं।
- मानवजनित गतिविधियां: अंधाधुंध निर्माण, वनों की कटाई और प्रदूषण भी इस परिवर्तन में योगदान कर रहे हैं।
पर्यटकों और स्थानीय निवासियों पर प्रभाव
इस असामान्य मौसम का प्रभाव स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों पर पड़ा है।
- पर्यटक: नैनीताल में जनवरी में ठंड का अनुभव करने आए पर्यटक अपेक्षित सर्दी का आनंद नहीं ले पा रहे हैं। हालाँकि, धूप भरे दिन और सुखद मौसम कुछ के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन गए हैं।
- स्थानीय लोग: स्थानीय किसान और बागवानी करने वाले लोग चिंता में हैं क्योंकि यह बदलाव फसलों और जल संसाधनों पर प्रभाव डाल सकता है।
भविष्य की संभावना
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यही स्थिति बनी रहती है, तो अगले कुछ वर्षों में सर्दियों का स्वरूप पूरी तरह बदल सकता है। अधिक गर्मी से पानी की कमी, फसल पैटर्न में बदलाव और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
जनवरी में नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ता तापमान जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का स्पष्ट संकेत है। यह न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि स्थानीय जीवन और अर्थव्यवस्था के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है
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