महाराष्ट्र की राजनीति में गरमाए चुनावी मुद्दे

शिवसेना (शिंदे गुट) की चुनावी तैयारियाँ

आगामी निकाय चुनावों को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि वे शिवसेना (यूबीटी) को हराने के लिए पूरी तरह तैयार रहें। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी पार्टी को मजबूत पकड़ बनानी होगी।

गठबंधन सरकार पर उठ रहे सवाल

हाल ही में भाजपा और शिवसेना के बीच मतभेद की अटकलें तेज हो गई थीं, लेकिन शिंदे ने इन सभी खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार पूरी तरह से महाराष्ट्र के विकास के लिए समर्पित है और किसी भी प्रकार के ‘शीत युद्ध’ की अफवाहें निराधार हैं।

मुंबई के भविष्य पर सियासी खींचतान

शिंदे ने जोर देकर कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कुछ दल मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश रचते हैं। उन्होंने साफ कहा कि कोई भी इस शहर को राज्य से अलग नहीं कर सकता। इसके साथ ही, उन्होंने विकास कार्यों को तेज़ी से पूरा करने का आश्वासन दिया।

उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला

बिना नाम लिए शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिवसेना जब मुख्यमंत्री पद के लालच में अलग हुई, तभी उसने अपनी जड़ों से दूर जाने की शुरुआत कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी पार्टी को आगे बढ़ने के लिए अपने सहयोगियों का सम्मान करना चाहिए।

मोदी सरकार की उपलब्धियाँ और हिंदुत्व की राजनीति

शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने हिंदुत्व की विचारधारा को साकार किया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण और अनुच्छेद 370 हटाना देश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हैं।

इस प्रकार, महाराष्ट्र की राजनीति में आगामी निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं और सभी दल अपनी रणनीति को धार देने में जुटे हुए हैं।

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