देहरादून: खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई, CM धामी ने दिए सख्त निर्देश

देहरादून: हाल ही में मसूरी और देहरादून से वायरल हुए वीडियो, जिसमें कुछ दुकानदारों को खाने में थूकते हुए देखा गया, ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी अमानवीय घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री धामी की सख्त चेतावनी:

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने समाज में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, खासतौर पर जब यह मामला धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का था। मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार को निर्देश दिए हैं कि इस तरह के मामलों में तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “खाद्य पदार्थों में थूकने जैसे दुष्कृत्य करने वालों के लिए देवभूमि उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है। प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों के खिलाफ कठोरतम कदम उठाए जाएं।”

स्थानीय खुफिया इकाइयों से मदद:

CM धामी ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय खुफिया इकाइयों (एलआईयू) की मदद ली जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर गश्त के दौरान पुलिस और खुफिया इकाइयों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, होटल, रेस्तरां और अन्य खाद्य प्रतिष्ठानों की अघोषित जांच कराने के लिए स्वास्थ्य और खाद्य विभागों के साथ समन्वय किया जाएगा।

जागरूकता अभियान और अप्रत्याशित जांच:

पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने जानकारी दी कि इस तरह की घटनाओं से धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को आहत करने पर गंभीर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हम ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक जन जागरूकता अभियान शुरू कर रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य और पोषण मंत्रालय, स्थानीय प्रशासन, और जिला पंचायतों का सहयोग लिया जाएगा।”

मसूरी क्षेत्र में इस दिशा में पहली कार्रवाई शुरू हो चुकी है, और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, स्वास्थ्य और खाद्य प्राधिकरण के सहयोग से अप्रत्याशित जांच भी की जाएगी। दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 274 और उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।

निष्कर्ष:

राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य न केवल इन घटनाओं को रोकना है, बल्कि समाज में ऐसे कृत्यों के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। मुख्यमंत्री धामी की सख्त चेतावनी ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में इस तरह के अमानवीय और आपराधिक कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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