संस्कृतियों का संगम: देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में पोलिश भाषा की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की नई पहल

हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय (देसंविवि) ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए अपने पाठ्यक्रम में पोलिश भाषा को शामिल किया है। इससे छात्रों को विदेशों में रोजगार के अवसर मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

विदेशी छात्रों का विश्वविद्यालय में आगमन

विश्वविद्यालय अपने अध्यात्म और शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण के कारण विदेशी छात्रों को भी आकर्षित कर रहा है। हाल ही में रूस से एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय का दौरा किया और यहां के दिव्य वातावरण में साधना की।

पोलिश भाषा की विशेषज्ञ शिक्षिका

पोलैंड से सैंड्रा स्जनिर नामक शिक्षिका विशेष रूप से विश्वविद्यालय में पोलिश भाषा सिखाने के लिए पहुंची हैं। वे छात्रों को न केवल भाषा बल्कि पोलिश संस्कृति और विरासत से भी अवगत कराएंगी।

योग और भारतीय संस्कृति के प्रति बढ़ती रुचि

वियतनाम से आए योग साधकों के दल ने भी विश्वविद्यालय में शिक्षा और योग के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की। प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने उन्हें शिक्षा और योग के समग्र दृष्टिकोण पर मार्गदर्शन दिया।

नौकरी के नए आयाम

पोलिश भाषा सीखने वाले छात्रों के लिए विदेशों में नौकरी की संभावनाएं खुलेंगी। वर्तमान में कई भारतीय कंपनियां पोलैंड में अपने व्यापार का विस्तार कर रही हैं, जिससे पोलिश भाषा जानने वालों की मांग बढ़ रही है।

भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम

इस नई पहल से छात्रों को एक बहुभाषी शिक्षा मिलेगी, जिससे वे न केवल भाषा में निपुण बनेंगे बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध होंगे। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय का यह कदम अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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