उत्तराखंड का नाम यूपी-2 करने पर अखिलेश यादव का तंज

प्रस्तावित नाम परिवर्तन और राजनीतिक विवाद

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में राज्य के विभिन्न स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की, जिसके बाद इस फैसले को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर इसी तरह नाम बदले जा रहे हैं तो उत्तराखंड का नाम भी ‘यूपी-2’ रख देना चाहिए। इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में गर्मागर्म बहस छिड़ गई है।

मुख्यमंत्री धामी का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह नाम परिवर्तन भारतीय संस्कृति और जनभावना के अनुरूप किया गया है। उनका कहना है कि इन परिवर्तनों से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण होगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरित हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि कई स्थानों के पुराने नाम मुगल और अन्य आक्रमणकारियों के नाम पर थे, जिन्हें बदलकर भारतीय महापुरुषों के नाम पर रखा जा रहा है।

बदले गए स्थानों के नाम

इस नाम परिवर्तन अभियान के तहत उत्तराखंड के कई जिलों में स्थानों के नाम बदले गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • हरिद्वार जिले में:
    • औरंगजेबपुर → शिवाजी नगर
    • गाजीवाली → आर्य नगर
    • चांदपुर → ज्योतिबा फुले नगर
    • मोहम्मदपुर जट → मोहनपुर जट
    • खानपुर कुर्सली → अंबेडकर नगर
    • इंदरीशपुर → नंदपुर
    • खानपुर → श्रीकृष्णपुर
    • अकबरपुर फाजलपुर → विजयनगर
  • देहरादून जिले में:
    • मियांवाला → रामजी वाला
    • पीरवाला → केसरी नगर
    • चांदपुर खुर्द → पृथ्वीराज नगर
    • अब्दुल्ला नगर → दक्ष नगर
  • नैनीताल जिले में:
    • नवाबी रोड → अटल मार्ग
    • पनचक्की से आईटीआई मार्ग → गुरु गोलवलकर मार्ग
  • उधम सिंह नगर जिले में:
    • नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी → कौशल्या पुरी

अखिलेश यादव का कटाक्ष

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तराखंड सरकार के इस कदम पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि यदि नाम बदलने से विकास होता है, तो सरकार को उत्तराखंड का नाम ‘यूपी-2’ कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार केवल नाम बदलने में व्यस्त है, जबकि जनता की मूलभूत समस्याओं की अनदेखी कर रही है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने पलटवार किया और कहा कि समाजवादी पार्टी को भारतीय संस्कृति और इतिहास की जानकारी नहीं है। भाजपा नेताओं ने तर्क दिया कि यह नाम परिवर्तन जनभावना के अनुरूप है और समाजवादी पार्टी केवल राजनीति करने के लिए विरोध कर रही है।

विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि नाम परिवर्तन से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे का विकास हैं। नाम बदलने से ऐतिहासिक दृष्टिकोण में बदलाव आ सकता है, लेकिन इससे जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होता।

उत्तराखंड में नाम परिवर्तन का यह निर्णय राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इस पर राजनीतिक विवाद भी जारी है। सरकार इसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण का हिस्सा मान रही है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रहा है। ऐसे में देखना होगा कि जनता इस फैसले को कैसे लेती है और क्या यह वाकई राज्य के विकास में योगदान देगा।

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