वर्षों से अपनी भूमि के लिए लड़ रही थीं वृद्ध महिला
देहरादून के रायपुर क्षेत्र में 97 वर्षीय लीला देवी और उनकी 80 वर्षीय पुत्री नीना गुरूंग पिछले 25 वर्षों से अपनी जमीन के हक के लिए संघर्ष कर रही थीं। बुधवार को जिलाधिकारी सविन बंसल के हस्तक्षेप के बाद अंततः उन्हें उनकी भूमि वापस मिल गई। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और न्यायिक देरी का उदाहरण रहा, लेकिन डीएम के प्रयासों से इस समस्या का समाधान हो गया।
जनता दर्शन में सामने आया मामला
जिलाधिकारी सविन बंसल के जनता दर्शन कार्यक्रम में जब यह मामला उनके सामने आया, तो उन्होंने तुरंत जांच के आदेश दिए। रिपोर्ट के अनुसार, यह भूमि पहले गैस गोदाम संचालक को लीज पर दी गई थी, लेकिन लीज की अवधि समाप्त होने के बाद भी संचालक ने इसे खाली नहीं किया। वृद्ध महिला और उनकी बेटी अपनी जमीन वापस पाने के लिए लगातार सरकारी दफ्तरों और कोर्ट के चक्कर काट रही थीं।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 जनवरी को अवैध रूप से संचालित गैस गोदाम को सील कर दिया। इसके बाद बुधवार को प्रशासन ने विधिवत रूप से वृद्ध महिला को उनकी जमीन का कब्जा दिला दिया।
गैस गोदाम का लाइसेंस निरस्त
जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि गैस गोदाम संचालक ने लीज समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से भूमि पर कब्जा बनाए रखा था। इसको ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने गोदाम का लाइसेंस निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। प्रशासन की इस कार्रवाई से स्थानीय जनता में संतोष का माहौल है।
प्रशासन की सक्रियता से मिला न्याय
अपनी भूमि प्राप्त करने के बाद 97 वर्षीय लीला देवी और उनकी पुत्री नीना गुरूंग ने जिलाधिकारी सविन बंसल, एसडीएम कुमकुम जोशी और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। यह मामला प्रशासनिक दक्षता और जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेने के उदाहरण के रूप में सामने आया है।
जनता का बढ़ता भरोसा
इस पूरे घटनाक्रम से जनता का प्रशासन पर भरोसा और मजबूत हुआ है। लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन ऐसे ही अन्य मामलों में भी त्वरित कार्रवाई कर न्याय दिलाने का कार्य करेगा।
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