कोल्ड ड्रिंक में मिलाया नशीला पदार्थ, बच्चों और पत्नी को किया बेसुध
देहरादून के पटेल नगर क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक पति ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर अपनी पत्नी और बच्चों को पिला दिया। पीड़िता की बहन की शिकायत के मुताबिक, घटना 1 अप्रैल की रात की है। महिला की 11 साल की बेटी ने अपनी मौसी को फोन करके इस क्रूरता की जानकारी दी। उसने बताया कि उसके पिता ने कोल्ड ड्रिंक लाकर दिया, जिसे पीने के बाद वह, उसकी मां और भाई सो गए, लेकिन उसके पिता ने खुद वह कोल्ड ड्रिंक नहीं पी।
आधी रात में बेटी की नींद खुली, मां को दर्द से कराहते देखा
बेटी ने बयान में बताया कि जब रात के समय उसकी आंख खुली, तो उसने अपनी मां को तेज दर्द में कराहते हुए देखा। मां की हालत देखकर बच्ची घबरा गई, लेकिन कुछ समझ नहीं आ पाया। सुबह जब आरोपी पति ऑफिस चला गया, तब आस-पड़ोस के लोगों को महिला की हालत की जानकारी हुई।
नाजुक अंगों में घुसाया गया नुकीला पदार्थ, ऑपरेशन की नौबत
डॉक्टरों के मुताबिक, महिला की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने महिला के निजी अंग में कोई नुकीली चीज डाली, जिससे उसकी आंतों तक को नुकसान पहुंचा है। डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी है। महिला फिलहाल अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
आरोपी फरार, पुलिस की टीमें दबिश में जुटी
पीड़िता की बहन ने पटेल नगर थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मामला सामने आने के बाद आरोपी घर से फरार हो गया। पुलिस की कई टीमें उसे पकड़ने के लिए अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही हैं।
समाज को झकझोरने वाला मामला
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि घरेलू हिंसा किस हद तक जा सकती है। एक ओर जहां महिला सुरक्षा को लेकर कानून बनाए गए हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटनाएं उन कानूनों की विफलता को उजागर करती हैं। आरोपी का अपने ही बच्चों को नशीला पदार्थ देना और पत्नी के साथ बर्बरता करना समाज में बढ़ती संवेदनहीनता को दिखाता है।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस तरह की घटनाओं के बाद यह जरूरी हो जाता है कि प्रशासन और समाज मिलकर ऐसी मानसिकता को खत्म करने के लिए प्रयास करें। महिला आयोग और बाल सुरक्षा आयोग को भी इस पर गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और आरोपी को सख्त सजा दी जा सके।
पीड़िता को चाहिए मानसिक और कानूनी सहायता
चूंकि महिला इस समय शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी सदमे में है, इसलिए उसे उचित परामर्श और कानूनी सहायता की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में पीड़ितों को मेडिकल उपचार के साथ-साथ काउंसलिंग भी जरूरी होती है, जिससे वे आगे की लड़ाई लड़ सकें।
पुलिस का बयान
पुलिस का कहना है कि जांच तेजी से की जा रही है और आरोपी की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। थानाध्यक्ष ने बताया कि महिला की मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे आगे की कार्रवाई और मजबूत होगी।
समाज की जिम्मेदारी
आस-पड़ोस के लोगों की सतर्कता के कारण ही पीड़िता को समय रहते अस्पताल पहुंचाया जा सका। इससे यह साबित होता है कि समाज की सजगता किसी भी पीड़ित के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है। इस मामले में बच्ची की हिम्मत और पड़ोसियों की सक्रियता सराहनीय है।
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