सफलता की कहानी
उत्तराखंड के चम्पावत जिले की रहने वाली सुष्मिता जोशी ने अपने परिश्रम और दृढ़ संकल्प से यूजीसी नेट जेआरएफ परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। यह उपलब्धि उनके अथक प्रयासों और शिक्षा के प्रति उनकी निष्ठा का परिणाम है। उन्होंने अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया है, जिससे उनके गांव और प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है।
प्रारंभिक शिक्षा और संघर्ष
सुष्मिता जोशी की प्रारंभिक शिक्षा लोहाघाट के ऑकलैंड पब्लिक स्कूल में हुई, जहां उन्होंने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद, उन्होंने अपनी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा देहरादून के श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज से पूरी की। पढ़ाई के प्रति उनका समर्पण और कठिन मेहनत प्रारंभ से ही स्पष्ट थी।
उच्च शिक्षा की राह
सुष्मिता ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय से कम्युनिटी साइंस विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने एक्सटेंशन एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन मैनेजमेंट विषय में मास्टर्स की पढ़ाई की। उच्च शिक्षा के दौरान उन्होंने न केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी की।
जेआरएफ परीक्षा में सफलता
सुष्मिता जोशी ने पहले ही ICAR JRF परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी और अब उन्होंने यूजीसी नेट जेआरएफ परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली है। यह परीक्षा देशभर के लाखों विद्यार्थियों के लिए एक कठिन चुनौती होती है, लेकिन सुष्मिता ने अपनी कड़ी मेहनत और सही रणनीति से इसे सफलतापूर्वक पास किया।
परिवार का सहयोग
सुष्मिता के पिता चंद्रवल्लभ जोशी असम राइफल्स में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता दीपा जोशी एक गृहणी हैं। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और हर कदम पर उनका साथ दिया।
क्षेत्र में खुशी की लहर
सुष्मिता की इस उपलब्धि से पूरे चम्पावत जिले में हर्ष का माहौल है। उनके शिक्षक, रिश्तेदार और दोस्त उनकी इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उनकी सफलता से प्रेरणा लेकर कई छात्र-छात्राएं भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए हैं।
भविष्य की योजनाएँ
वर्तमान में सुष्मिता जोशी एक्सटेंशन एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन मैनेजमेंट विषय में एसडीएयू एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं। उनकी यह सफलता न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।
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