बुराड़ी हादसा: प्रशासन की लापरवाही या भाग्य का खेल?

चार मंजिला इमारत गिरी, पांच की मौत

दिल्ली के बुराड़ी स्थित कौशिक एंक्लेव में एक चार मंजिला इमारत गिरने से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में दो मासूम बहनों सहित पांच लोगों की मौत हो गई।

राहत और बचाव कार्य में देरी

हादसे के बाद बचाव कार्य शुरू किया गया, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने तेजी नहीं दिखाई। मंगलवार को पांच शव बरामद किए गए, वहीं चार लोगों को 48 घंटे बाद सुरक्षित निकाला गया।

कैसे बचा परिवार?

मलबे से सुरक्षित निकाले गए परिवार ने बताया कि वे सिलेंडर और लेटर के बीच बने छोटे से स्थान में दबे थे। किसी तरह उन्होंने खुद को जीवित रखा और बचाव दल के आने की प्रतीक्षा की।

स्थानीय निवासियों का आक्रोश

इलाके के लोगों में इस हादसे को लेकर भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। अवैध निर्माण की शिकायतें पहले भी की गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सरकारी जांच और मुआवजा

दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही, अवैध निर्माणों को लेकर सख्त कदम उठाने का वादा किया गया है।

क्या सबक मिला?

यह हादसा प्रशासन के ढीले रवैये और अवैध निर्माण की गंभीरता को उजागर करता है। यदि समय रहते सख्त कदम उठाए जाते, तो शायद यह त्रासदी रोकी जा सकती थी।

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