प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 230 से अधिक जिलों के 50,000 गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवादों को कम करना और संपत्ति के डिजिटल रिकॉर्ड को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया गया, जिनमें छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य
- भूमि विवादों में कमी: स्वामित्व योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवादों को कम करना है। डिजिटल संपत्ति कार्ड्स से भूमि स्वामित्व का प्रमाण आसानी से उपलब्ध होगा।
- डिजिटल रिकॉर्ड: इस योजना के तहत संपत्ति मालिकों को डिजिटल रिकॉर्ड प्रदान किए जाते हैं, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
- आर्थिक सशक्तिकरण: संपत्ति कार्ड्स के माध्यम से ग्रामीण लोग अपने संपत्ति के आधार पर ऋण ले सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
लाभार्थियों की संख्या और प्रभाव
इस योजना का लाभ 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाखों ग्रामीण परिवारों को मिलेगा। अब तक 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देने और आर्थिक असमानता को कम करने में सहायक होगा।
भविष्य की योजनाएं
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बताया कि सरकार का लक्ष्य आने वाले समय में अधिक गांवों को इस योजना में शामिल करना है।
+ There are no comments
Add yours