गंगोलीहाट की डॉ सुमन जोशी पांडे ने उत्तराखंड का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) द्वारा दो साल की पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप प्रदान की गई है। इस फेलोशिप के तहत वह कुमाऊनी जनजाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों और उनके सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं पर गहन शोध करेंगी।
अध्ययन के उद्देश्य
डॉ सुमन का यह शोध पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने और जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने में मदद करेगा। उनकी इस उपलब्धि से उत्तराखंड की बेटियों के लिए एक नई प्रेरणा मिलेगी।
शैक्षणिक सफर और पारिवारिक पृष्ठभूमि
डॉ सुमन ने कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल से 2021 में पीएचडी पूरी की। उनके पिता मदन जोशी प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां मंजू जोशी गृहिणी हैं। उनके दो छोटे भाई पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पति विवेक पांडे टीसीएस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और ससुराल अल्मोड़ा में है।
सपनों की उड़ान
अपनी सफलता का श्रेय डॉ सुमन अपने माता-पिता, गुरुजनों और पति को देती हैं। उनका यह सफर दिखाता है कि समर्पण और मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
उत्तराखंड की इस होनहार बेटी को उनके शोध कार्य के लिए शुभकामनाएं।
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